Bhangarh Fort || भानगढ़ का किला || भानगढ़ की रानी रत्नावती की खौफनाक कहानी ||
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| Study 4 Rajasthan |
भूत-प्रेत प्रभावित व्यक्ति पर अलौकिक शक्तियां आपके मस्तिष्क में भी इन चीजों के बारे में बार-बार ख्याल आते हैं तो आज आपको कई सालों से एक किले में दफन एक ऐसी पारलौकिक शक्ति के बारे में बताने जा रहा हूँ, जिसके बारे में सुनकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे अब सोचने पर मजबूर हो जाएंगे कि क्या वाकई में ऐसा कुछ भी हो सकता है ।
और इस कहानी के आखिर में मैं आपको एक ऐसे जाने-माने व्यक्ति के बारे में बताऊंगा जिसकी मौत का कारण इन्हें बुरी शक्तियों को माना गया है,और कहानी को आखिर तक जरुर पढ़े ।
नमस्कार आप ऊपर जिस बोर्ड को देख रहे हो राजस्थान के अलवर जिले में भानगढ़ के बाहर लगे बोर्ड पर यह साफ लिखा है । सूर्योदय से पहले और सूर्यास्त के पश्चात आपको इस किले में प्रवेश करना तो दूर आपको रात को इसके आस-पास भी नहीं बैठने दिया जाएगा ।
आज आपको इसी भानगढ़ के किले की दो- दो कहानियां बताऊंगा जिस कारण रात के वक्त लोग इस किले मैं प्रवेश करना तो दूर इसके आस पास भी नहीं भटकते, और कुछ लोग इन कहानियों को कहानी नहीं बल्कि सच्ची घटना मानते हैं ।
कहते हैं कि जब आमेर के राजा भगवंत दास भानगढ़ के किले को बनवा रहे थे, तो वहीं कुछ दूरी पर गुरु बालू नाथ तपस्या किया करते थे, जब बालू नाथ को खबर लगी उनके पास में एक किला बनाया जा रहा है । तो उन्होंने राजा को बुलावा भिजवाकर अपने पास बुलवाया, जब राजा भगवंत दास गुरु बालू नाथ के पास पहुंचे तो उन्होंने राजा से कहा कि आप जिस किले को बनवा रहे हो उससे मुझे कोई भी आपत्ति नहीं है । लेकिन इस बात का ध्यान रखना कि इस किले की ऊंचाई इतनी मत कर देना किसकी परछाई दिन के किसी भी वक्त जहां पर मैं तपस्या कर रहा हूं वहां पर पहुंचे और मुझे छुए ।
उन दिनों जो साधु-संत हुआ करते थे । उनका बहुत आदर सम्मान किया जाता था, उनकी किसी भी बात को टाला नहीं जाता था । तो राजा ने भी ऐसा ही किया और फिर किले के निर्माण में ऐसा ही किया गया कि किसी भी भाग कि ऊँचाई इतनी नहीं रखी गई जिससे कि किले की परछाई गुरु तक पहुंच सके ।
इस बात का ख्याल अगली दो पीढ़ियों तक तो रखा गया लेकिन उसके बाद जब तीसरी पीढ़ी ने भानगढ़ की गद्दी संभाली तो उन्होंने इस बात को गंभीरता से नहीं लेते हुए गुरुनाथ की चेतावनी को अनसुना कर दिया और उन्होंने कुछ स्थानों का पुन: निर्माण करवाकर किले को और ऊंचा करवा दिया । और आखिर किले की परछाई गुरु बालू नाथ तक पहुंच जाती है ।
और जब यह परछाई गुरु बालू नाथ की तपस्या वाले स्थान पर पहुंची तो बालू नाथ को इतना गुस्सा आया कि उन्होंने यह श्राप दे दिया कि भानगढ़ तबाह हो जाएगा और उसी दिन के बाद भानगढ़ पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ता है ।
यह भी कहा जाता है कि 1783 में जो अकाल आया था, जिसमें मरने वालों का आंकड़ा करोड़ों में था वह अकाल गुरु बालू नाथ के श्राप की वजह से आया था और आज तक यहां पर इस श्राप का असर देखने को मिलता है । जिस कारण से लोग इस किले में रहना तो तू इसके आसपास भी नहीं भटकना चाहते ।
लेकिन दूसरी कहानी है उस राजकुमारी की कहानी है जिस पर लोगों को सबसे ज्यादा विश्वास है, और इस खौफनाक कहानी के कारण ही लोग इस किले को भुतहा शैतानी किला कहते हैं । जब किला खुशहाल था तब यहां पर एक राजकुमारी रहा करती थी जिसका नाम था, रत्नावती राजकुमारी रत्नावती बेहद खूबसूरत थी ।
राजकुमार की खूबसूरती के चर्चे दूर-दूर तक फैले हुए थे, इस कारण हर दिन अलग-अलग राजाओं के शादी के संदेश राजकुमारी के पास आया करते थे ।
लेकिन इन राजाओं के अलावा एक और शख्स था जिसकी नजर थी राजकुमारी रत्नावती पर उसका नाम था सिंधिया, जो एक तांत्रिक था ।
एक दिन सिंधिया तांत्रिक ने राजकुमारी को देखा तब से सिंधिया तांत्रिक ने राजकुमारी के लिए पागल सा हो जाता है सिंधिया तांत्रिक राजकुमारी को पाना चाहता था ।
लेकिन सिंधिया तांत्रिक जानता था कि वह सीधे तरीके से राजकुमारी को नहीं पा सकता था ।क्योंकि कहां श्मशान में रहने वाला सिंधिया और कहा महलों में रहने वाली राजकुमारी रत्नावती तो सिंधिया तांत्रिक ने राजकुमारी को पाने के लिए एक ऐसा तरीका अपनाया जिसने उस क्षेत्र का नाश कर दिया ।
भानगढ़ के किले मैं उन दिनों बाजार लगता था, तो राजकुमारी की दासी इसी बाजार में राजकुमारी के लिए तेल लेने आई बस सिंधिया तांत्रिक को इसी दिन का इंतजार था । जब दासी तेल खरीद कर वापस जाने लगी तो तांत्रिक ने दासी को रोक लिया ।
सिंधिया तंत्र विद्या में इतना माहिर था कि उसने उस तेल पर वशीकरण का मंत्र फूंक दिया ताकि वह राजकुमारी को पा सके दासी तेल लेकर राजकुमारी के पास पहुंच जाती है । लेकिन राजकुमारी भी इस विद्या का ज्ञान रखती थी, उसने जैसे ही तेल को देखा वैसी उसे शक हो गया कि इस पर किसी ने तंत्र मंत्र किया है ।
फिर राजकुमारी ने अपनी दासी से पूछा कि तुम्हें बाजार में कौन मिला था, तब दासी ने बताया कि उसे सिंधिया तांत्रिक मिला था । सिंधिया तांत्रिक नाम सुनते ही रानी को सब कुछ समझ में आ जाता है । राजकुमारी को समझ आ गया था कि मामला क्या है, राजकुमारी ने उसी किले के ऊपर पड़े बड़े पत्थर पर दे मारी सारा तेल उस पत्थर पर बिखर गया ।
कहा जाता है कि तांत्रिक ने उस तेल पर ऐसा जादू किया जिसे अगर कोई इस तेल को लगाता तो है उसके वश में हो जाता और खुद-ब-खुद उसके पास आ जाता और आखिर ऐसा ही हुआ वह बड़ा पत्थर जिस पर राजकुमारी ने तेल फेंका वह लुढ़कने लगता है और जिस स्थान पर सिंधिया तांत्रिक तंत्र-मंत्र किया करता था उस स्थान तक लुढ़कता हुआ जाकर सिंधिया के छाती पर चढ़ जाता है । और सिंधिया सारी बात समझ चुका था, तो मरते मरते सिंधिया तांत्रिक ने श्राप दे दिया कि भानगढ़ तबाह हो जाएगा सारे लोग मारे जाएंगे और उनकी आत्माएं इस किले मैं भटकती रहेगी ।
इतना कहकर सिंधिया तांत्रिक मर जाता है और इसके बाद होता है एक भयानक युद्ध जिसमें भानगढ़ के सैकड़ों लोग मारे जाते हैं और यह कहा जाता है कि सिंधिया के उस श्राप के कारण आज तक इस किले मैं उनकी आत्माएं भटकती है ।
आज भी रात के वक्त यहां चीखने-चिल्लाने की आवाज आती है दोस्तों यह तो थी वह घटनाएं जो पारलौकिक शक्तियों से दौड़कर देखी गई थी लेकिन लोगों के अलावा एक कारण और भी है ।
यह मानना पड़ा कि इस किले मैं कुछ न कुछ गलत जरूर होता है । लोगों के लिए खतरनाक हो सकता है कुछ समय पहले किले मैं रात के वक्त लोग चले जाते थे । जो जगह-जगह पर इस किले को खोदने लगते थे, उन्हें लगता था कि इस किले मैं कोई पुराना खजाना गड़ा हुआ है और वह इसी खजाने की तलाश में रात में इस किले में खुदाई किया करते थे ।
उस वक्त इस किले मैं रात के वक्त कुछ आपराधिक गतिविधियां होने लगी थी उन असमाजिक तत्वों के कारण इस किले मैं रात के वक्त प्रवेश करना वर्जित कर दिया गया था । फिर 2016 में एक ऐसी घटना घटी हुई जिसमें फिर एक बार इसके लिए पर सवाल खड़े कर दिए दरअसल इंडियन परनोर्मल सोसाइटी के प्रमुख गौरव तिवारी एक न्यूज चैनल के साथ मिलकर इस किले में पड़ताल करने आए थे । गौरव तिवारी ने ऐसी पारलौकिक शक्तियों पर पूरी रिसर्च कर रखी थी वह भी जानना चाहते थे कि क्या वाकई में इस जगह पर कोई पैरानॉर्मल एक्टिविटी होती है ।
क्या इस जगह पर कोई भूत प्रेत है यह लोगों का अहम है लेकिन इस किले में पड़ताल करने के बाद कुछ समय के बाद 7 जुलाई 2016 को उनके अपने घर में बड़े ही रहस्यमय तरीके से मौत हो जाती है । इस मौत का कारण कई न्यूज चैनल्स ने इन्हें शैतानी ताकतों को माना ।
तो दोस्तों ये थी इस भुतहा किले की कहानियां मैं इन कहानियों की सत्यता का प्रमाण तो नहीं देता लेकिन कुछ ना कुछ तो रहस्य जरूर है जिस कारण भारत सरकार को भी इस किले के बाहर बोर्ड लगाना पड़ा ।

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